बैलगाड़ी राज्य की चल नहीं सकती प्रगति से दौड़ती। एक ही तो बैल है! दूसरा अब भी अलग है-दूर है!!...
वह न रहा मेरे पास जिसे होना चाहिए मेरे पास वह न रहा आपके पास जिसे होना चाहिए आपके पास वह न रहा समाज के पास जिसे होना चाहिए...
हँस रहा है उधर धूप में खड़ा पूरा पहाड़ खोल कर मोटे बड़े होंठ । और चट्टानी जबड़े ।...
तुम्हारे पाँव देवताओं के पाँव हैं जो जमीन पर नहीं पड़ते हम वंदना करते हैं तुम्हारी...
गोकुल सेना में भरती हो लड़ने को रंगून गया था लेकिन अपनी प्रिय राधा को अपने आने की आशा में...
मेरा फूल नहीं खिलता है, सूने और अकेलेपन में, सूनेपन के जर्जर वन में, बंध्या धरती के आँगन में।...
आतंकित करता है मुझे मेरा सम्मान। इसी वक्त तो परास्त करती हैं मुझे मेरी कमजोरियां। कांपता हूं मैं, यश की विभूति से विभूषित,...
लंदन गए-लौट आए। बोलौ! आजादी लाए? नकली मिली या कि असली मिली है? कितनी दलाली में कितनी मिली है?...
मिल मालिक का बड़ा पेट है बड़े पेट में बड़ी भूख है बड़ी भूख में बड़ा जोर है बड़े जोर में जुलुम घोर है...
चोली फटी सरस सरसों की नीचे गिरा फागुनी लहंगा, ऊपर उड़ी चुनरिया नीली, देखो हुई पहाड़ी विवसन...
न पत्थर चूमता है पत्थर को न पत्थर बाँधता है बाँहों में पत्थर को न पत्थर करता है मर्दन पत्थर का...
क्षण के संरक्षण के सनकी नहीं देखते आगे पीछे रहते हैं क्षण की छतुरी के नीचे कण का जीवन जी के...