Kedarnath Agarwal
( 1911 - 2000 )

Kedarnath Agarwal (Hindi: केदारनाथ अग्रवाल) was born on 1 April 1911 in Kamasin village of Banda district. An advocate by profession Shri Aggarwal was a pragmatic progressor poet of the Chhayawadi era. His speciality was his novel vocabulary and pictoral expression. He was honored with Sahitya Akademi and 'Soviet Land Nehru' award. More

नेता निगाह का कच्चा है नासमझ देश का बच्चा है...

सब से जुदा न आदमी है आदमी न आदमी है ख़ुदा...

अविराम बज रही हैं ब्राजन स्वरों से सघोष, काँसे की सरोष घंटियाँ अविराम हताहत हो रहा है तमांध अमोघ ओजस्वी स्वरों से हारता।...

किसी ने कहा : स्वर्ग यहीं है मैंने कहा : हाँ-- क्योंकि आदमी मर चुका है और अब स्वर्ग यहीं है।...

चंदेलों की कला-प्रेम की देन-- देवताओं के मन्दिर बने हुए हैं अब भी अनिंद्य जो खड़े हुए हैं खजुराहो में, याद दिलाते हैं हम को उस गए समय की जब पुरुषों ने उमड़-उमड़ कर--...

सब कुछ प्राप्य है उसे जो अप्राप्य है तुम्हें फिर भी वह दरिद्र है मनुष्यता के अभाव में...

सिर से पैर तक फूल-फूल हो गई उसकी देह, नाचते-नाचते हवा का बसंती नाच।...

मौत को पढ़ रही है ज़िन्दगी जो मर गई है अमरीकी अनाज पा कर कर्ज़ का जाज बजा कर...

वायु चली अविजेय सैन्य की हलचल दौड़ी नीड़ों से निकले प्रभात के जागे पंछी, पंख पसारे फैल गई ललकार लहर की,...

हाथी-सा बलवान, जहाजी हाथों वाला और हुआ सूरज-सा इंसान, तरेरी आँखों वाला और हुआ एक हथौड़े वाला घर में और हुआ माता रही विचार अंधेरा हरने वाला और हुआ...