निशा-निशाकर का
निशा- निशाकर का आमोदित अंक मिला। दिवा- दिवाकर का अनुरागी कंजखिला। दुपहर देवी का, आँगन में नृत्य हुआ; सांध्य सुंदरी का दीपोत्सव दिव्य हुआ। निशा दिवा, दुपहर, संध्या को मैंने सतत जिया, सत्य-समर्पित कविताओं का सार्थक सृजन किया।

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