बैलगाड़ी
बैलगाड़ी राज्य की चल नहीं सकती प्रगति से दौड़ती। एक ही तो बैल है! दूसरा अब भी अलग है-दूर है!! हाँकने वाला बड़ा हैरान है- बैलगाड़ी में लदा है अन्न-वस्त्र; देश के हर छोर में जा, देश के हर एक जन को नाज, कपड़ा बाँटना है; देर होती जा रही है! बैलगाड़ी राज्य की चल नहीं सकती प्रगति से दौड़ती।

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