देवताओं के देश में
देवताओं के देश में देवता, अब, यहाँ-वहाँ कहीं नहीं दिखते। देवता, अब, आदमियों के बनाए देवता- केवल कलाकृतियों में दिखते हैं सर्वांग सुन्दर- स्वस्थ और प्रसन्न- पुण्यात्मा- जरा-मरण-हीन- पावन-प्रवीण- आदमियों को दासानुदास बनाए- स्वयं से सन्तुष्ट।

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