जन के पथ की
जन के पथ की खबर खरी हो, साँची हो, बानी-बोली प्राणवंत हो, बाँकी हो, मानववादी सोच-समझ की साखी हो, लोकतंत्र की सत्यालोकित आँखी हो।

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