मैं
मैं समय की धार में धँसकर खड़ा हूँ। मैं छपाछप छापते छल से लड़ा हूँ क्योंकि मैं सत् से सधा हूँ- जी रहा हूँ; टूटने वाला नहीं कच्चा घड़ा हूँ।

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