क्या चमकीले तारे हैं, बड़े अनूठे, प्यारे हैं! आँखों में बस जाते हैं, जी को बहुत लुभाते हैं! जगमग-जगमग करते हैं, हँस-हँस मन को हरते हैं। नए जड़ाऊ गहने हैं, जिन्हें रात ने पहने हैं! कितने रंग बदलते हैं, बड़े दिए-से बलते हैं! घर के किसी उजाले हैं, जोत जगाने वाले हैं! हीरे बड़े फबीले हैं, छवि से भरे छबीले हैं! कभी टूट ये पड़ते हैं फूलों-जैसे झड़ते हैं! चिनगी-सी छिटकाते हैं, छोड़ फुलझड़ी जाते हैं!