अब / खुली आँखें खुले डैने
अब, सच के पास से भी पास पहुँच तो गए आप, पर हट गए आप कट गए, आप। अब, झूठ के पास से भी पास पहुँच गए आप, और प्रिय हो गए आप, झूठ के वफादार हो गए आप, अब, झूठ का डंका बजाते हैं आप ढम-ढमाढम, झूठ का झंडा उड़ाते हैं सन सनासन।

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