बाहों में बंधी वह
बाहों में बंधी वह पुलक से पराजित हुई वह चुम्बन-चकित जय में जी उठी वह पूर्ण-यौवना मेरी प्रेयसी : मुझे छोड़ गयी, सूर्य को खिले कमल का अर्ध चढ़ाने

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