सच है तुमने निरपराध को अपराधी-सा, अफसरशाही के प्रकोप से, नागपाश में जकड़ लिया है;...
किताब में लिखे तुम, बड़े अच्छे लगते हो कविवर! किताब से बाहर, पेट में पलस्टर लगाए,...
लुढ़कता रहा हूँ मैं अन्दर आकाश की सलवटों में मार्ग का तल था एक स्वप्न के समीप तो भी आसमान के चौड़े मुख से मैंने खरोंच ली अपनी आँखें बाहर...
सहज खोले अतीन्द्रिय सुगंध के केश टिमकते प्रकाश का पाल ताने प्रकृति चलती चली जा रही है विस्मरण में बही हो जैसे किसी की कोई नाव।...
उसका न्याय सत्य पर आधारित हुआ करता है लेकिन असत्य हँसता है : कि न्याय सत्य को नहीं पकड़ सका।...
थैलीशाहों की यह बिल्ली बड़ी नीच है। मजदूरों का खाना-दाना, सब चोरी से खा जाती है।...
दोष तुम्हारा नहीं-हमारा है जो हमने तुम्हें इंद्रासन दिया; देश का शासन दिया; तुम्हारे यश के प्रार्थी हुए हम;...
मंदिरों में नहीं-- देवियों के दर्शन दुकानों में होते हैं नाच-गानों में होते हैं...
उठा कर पटक दिया है तुमने मुझ पर धरे अंधकार को पहाड़ के नीचे और वह हो गया है ध्वंस, चकनाचूर और मैं...
मंत्रियों! मुसकान से या शान से शासन न बदला खद्दरी यश-गान से खलिहान में आयी न कमला पंचवर्षी योजना भी हो रही है आज विफला खेत के हर बीज से है रोगिनी का हाथ निकला...
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ ! हाथी सा बलवान, जहाजी हाथों वाला और हुआ ! सूरज-सा इन्सान,...
आज नदी बिलकुल उदास थी। सोई थी अपने पानी में, उसके दर्पण पर- बादल का वस्त्र पडा था। ...
कोई नहीं सुनता झरी पत्तियों की झिरझिरी न पत्तियों के पिता पेड़ न पेड़ों के मूलाधार पहाड़ ...
गुम्बज के ऊपर बैठी है, कौंसिल घर की मैना । सुंदर सुख की मधुर धूप है, सेंक रही है डैना ।। तापस वेश नहीं है उसका, वह है अब महारानी । त्याग-तपस्या का फल पाकर, जी में बहुत अघानी ।।...
जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है तूफ़ानों से लड़ा और फिर खड़ा हुआ है जिसने सोने को खोदा लोहा मोड़ा है जो रवि के रथ का घोड़ा है...
हमारी जिन्दगी के दिन, बड़े संघर्ष के दिन हैं। हमेशा काम करते हैं, मगर कम दाम मिलते हैं।...