देने को तो सब देते हैं
देने को तो सब देते हैं लेकिन देते-देते भी तो थोड़े से भी थोड़ा देते इस देने को ज्यादा देना कहते पूरी तुष्टि इसी से गहते ये-जो देते- सच से कभी न चेते- सच की नाव न खेते, हेर-फेर कर दाँव-पेंच से जीते।

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