ऐसे भी लोग हैं इस देश में
ऐसे भी लोग हैं इस देश में जो न देश में हैं- न विदेश में; जो न अपने हैं-न पराए; जो न घर के हैं-न घाट के; अहं के अंधे, बस, खाल के अँधेरे में खगोल और भूगोल खोजते हैं; यही हैं वे लोग जो न व्यक्ति हैं- न वस्तु- न देह हैं- न विदेह।

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