प्रकाशित खड़ा है
प्रकाशित खड़ा है पारदर्शी दिन तेजस्वी सूर्य का सिर ऊपर उठाए चराचर सृष्टि को चिन्मय बनाए मुझे आत्मीय भाव से अपनाए।

Read Next