Maithilisharan Gupt
( 1886 - 1964 )

Maithilisharan Gupt (Hindi: मैथिलीशरण गुप्त) was one of the most important modern Hindi poets. He is considered one among the pioneers of Khari Boli (plain dialect) poetry and wrote in Khari Boli dialect, at a time when most Hindi poets favoured the use of Braj Bhasha dialect. He was a recipient of the third highest (then second highest) Indian civilian honour of Padma Bhushan. For his book Bharat-Bharati (1912), widely quoted during India's freedom struggle, he was given the tile of Rashtra Kavi by Mahatma Gandhi. More

एक सफेद बड़ा-सा ओला, था मानो हीरे का गोला! हरी घास पर पड़ा हुआ था, वहीं पास मैं खड़ा हुआ था!...

सखे, मेरे बन्धन मत खोल, आप बँधा हूँ आप खुलूँ मैं, तू न बीच में बोल। जूझूँगा, जीवन अनन्त है,...

जीव, हुई है तुझको भ्रान्ति; शान्ति नहीं, यह तो है श्रान्ति ! अरे, किवाड़ खोल, उठ, कब से मैं हूँ तेरे लिए खड़ा,...

वह बाल बोध था मेरा निराकार निर्लेप भाव में भान हुआ जब तेरा। तेरी मधुर मूर्ति, मृदु ममता,...

हम कौन थे, क्या हो गये हैं, और क्या होंगे अभी आओ विचारें आज मिल कर, यह समस्याएं सभी भू लोक का गौरव, प्रकृति का पुण्य लीला स्थल कहां फैला मनोहर गिरि हिमालय, और गंगाजल कहां...

नहीं, मुझे सन्तोष नहीं। मिथ्या मेरा घोष नहीं। वह देता जाता है ज्यों ज्यों, लोभ वृद्धि पाता है त्यों त्यों,...

इस शरीर की सकल शिराएँ हों तेरी तन्त्री के तार, आघातों की क्या चिन्ता है, उठने दे ऊँची झंकार।...

कुछ न पूछ, मैंने क्या गाया बतला कि क्या गवाया ? जो तेरा अनुशासन पाया मैंने शीश नवाया।...

उठो, हे भारत, हुआ प्रभात। तजो यह तन्द्रा; जागो तात! मिटी है कालनिशा इस वार, हुआ है नवयुग का संचार।...

जो कुछ होनी थी, सब होली! धूल उड़ी या रंग उड़ा है, हाथ रही अब कोरी झोली। आँखों में सरसों फूली है,...