होली
जो कुछ होनी थी, सब होली! धूल उड़ी या रंग उड़ा है, हाथ रही अब कोरी झोली। आँखों में सरसों फूली है, सजी टेसुओं की है टोली। पीली पड़ी अपत, भारत-भू, फिर भी नहीं तनिक तू डोली!

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