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मेरी भाव बाधा हरो, पूज्य बिहारीलाल दोहा बनकर सामने, दर्शन दो तत्काल। अँग्रेजी से प्यार है, हिंदी से परहेज, ऊपर से हैं इंडियन, भीतर से अँगरेज।...

मिस्टर भैंसानंद का फूल रहा था पेट, पीते थे दिन-रात में, दस पैकिट सिगरेट। दस पैकिट सिगरेट डाक्टर गोयल आए दिया लैक्चर तंबाकू के दोष बताए। ...

जय उल्लू पापा ! ओम् जय उल्लू पापा। सब पक्षिन में श्रेष्ठ, अर्थ के फीते से नापा। ओम्...। श्याम सलोने मुख पर शोभित अँखियाँ द्वय ऐसे। चिपक रहीं प्राचीन चवन्नी चाँदी की जैसे। ओम्...।...

देवी जी कहने लगीं, कर घूँघट की आड़ हमको दिखलाए नहीं, तुमने कभी पहाड़ तुमने कभी पहाड़, हाय तकदीर हमारी इससे तो अच्छा, मैं नर होती, तुम नारी...

बाबू सर्विस ढूँढते, थक गए करके खोज। अपढ श्रमिक को मिल रहे चालीस रुपये रोज़॥ चालीस रुपये रोज़, इल्म को कूट रहे हैं। ग्रेजुएट जी रेल और बस लूट रहे हैं॥...

स्वतंत्र भारत के बेटे और बेटियो ! माताओ और पिताओ, आओ, कुछ चमत्कार दिखाओ। नहीं दिखा सकते ?...

'काका' वेटिंग रूम में फँसे देहरादून। नींद न आई रात भर, मच्छर चूसें खून॥ मच्छर चूसें खून, देह घायल कर डाली। हमें उड़ा ले ज़ाने की योजना बना ली॥...

अल्हड़ जी का स्वर मधुर, गोरा-चिट्टा चाम। ‘श्यामलाल’ क्यों रख दिया, घरवालों ने नाम। घर वालों ने नाम, ‘शकीला’ पीटे ताली। हमको दे दो, मूँगफली वाली कव्वाली।...

मन मैला तन ऊजरा भाषण लच्छेदार ऊपर सत्याचार है भीतर भ्रष्टाचार झूठों के घर पंडित बाँचें कथा सत्य भगवान की जय बोलो बेईमान की!...

स्वर्ग-नर्क के बीच की चटख गई दीवार। कौन कराए रिपेयर इस पर थी तकरार॥ इस पर थी तकरार, स्वर्गवासी थे सहमत। आधा-आधा खर्चा दो हो जाए मरम्मत॥...

परमात्मा ने आत्मा बख़्शी है श्रीमान करे आत्महत्या उसे समझो मूर्ख महान समझो मूर्ख महान बुरे दिन वापस जाएँ अटल नियम है दु:ख के बाद सुखानन्द आएँ ...

रिंग रोड पर मिल गए नेता जी बलवीर। कुत्ता उनके साथ था पकड़ रखी ज़ंजीर॥ पकड़ रखी जंजीर अल्सेशियन था वह कुत्ता। नेता से दो गुना भौंकने का था बुत्ता॥...

मिला निमंत्रण आपका, धन्यवाद श्रीमान, किंतु हमारे हाल पर कुछ तो दीजे ध्यान। कुछ तो दीजे ध्यान, हुक्म काकी का ऐसा, बहुत कर चुके प्राप्त, प्रतिष्ठा-पदवी-पैसा।...

‘काका’ से कहने लगे, शिवानंद आचार्य रोना-धोना पाप है, हास्य पुण्य का कार्य हास्य पुण्य का कार्य, उदासी दूर भगाओ रोग-शोक हों दूर, हास्यरस पियो-पिलाओ...

अंग-अंग फड़कन लगे, देखा ‘रंग-तरंग’ स्वस्थ-मस्त दर्शक हुए, तन-मन उठी उमंग तन-मन उठी उमंग, अधूरी रही पिपासा बंद सीरियल किया, नहीं थी ऐसी आशा...

झूठ बराबर तप नहीं, साँच बराबर पाप जाके हिरदे साँच है, बैठा-बैठा टाप बैठा-बैठा टाप, देख लो लाला झूठा 'सत्यमेव जयते' को दिखला रहा अँगूठा...

पाश्चात्य संतान है, अधिक आधुनिक ट्रेंड। प्रथम फ्रैंडशिप, बाद में, वाइफ या हस्बैंड॥ वाइफ या हस्बैंड, कहे बेटी से मम्मी। बॉयफ्रैंड के बिना लगे तू मुझे निकम्मी॥...

मन, मैला, तन ऊजरा, भाषण लच्छेदार, ऊपर सत्याचार है, भीतर भ्रष्टाचार। झूटों के घर पंडित बाँचें, कथा सत्य भगवान की, जय बोलो बेईमान की !...

सारे जहाँ से अच्छा है इंडिया हमारा हम भेड़-बकरी इसके यह ग्वारिया हमारा सत्ता की खुमारी में, आज़ादी सो रही है ...

व्यंग्य एक नश्तर है ऐसा नश्तर, जो समाज के सड़े-गले अंगों की शल्यक्रिया करता है और उसे फिर से स्वस्थ बनाने में सहयोग भी।...

अमरीका ने हिंद को, नहीं दिए हथियार, ऐसी झूठी बात क्यों, कहते हो बेकार ? कहते हो बेकार, दृश्य देखा जन-जन ने, मियाँ नियामी की मार्फत भेजे निक्सन ने। ...

दस ग्रंथो से टीपकर पुस्तक की तैय्यार। उस पुस्तक पर मिल गया पुरस्कार सरकार॥ पुरस्कार सरकार लेखनी सरपट रपटे। सूझ-बूझ मौलिकता, भय से पास न फटके॥...

रोजाना हम बंबा पर ही घूमा करते उस दिन पहुँचे नहर किनारे वहाँ मिल गए बर्मन बाबू बाँह गले में डाल कर लिया दिल पर काबू...

कौन क्या-क्या खाता है ? खान-पान की कृपा से, तोंद हो गई गोल, रोगी खाते औषधी, लड्डू खाएँ किलोल। लड्डू खाएँ किलोल, जपें खाने की माला,...

साहब हो गए 58 पर रिटायर क्योंकि, कानून की दृष्टि में उनकी बुद्धि हो गई थी ऐक्सपायर लेकिन हमारे सिर पर सवार हैं-...

सफल राजनीतिज्ञ वह जो जन गण में व्याप्त। जिस पद को वह पकड़ ले कभी न होय समाप्त॥ कभी न होय समाप्त, घुमाए पहिया ऐसा। पैसा से पद मिले, मिले फिर पद से पैसा॥...

ठाकुर ठर्रा सिंह से बोले आलमगीर पहुँच गये वो चाँद पर, मार लिया क्या तीर? मार लिया क्या तीर, लौट पृथ्वी पर आये किये करोड़ों ख़र्च, कंकड़ी मिट्टी लाये ...

जन-गण मन के देवता, अब तो आँखें खोल महँगाई से हो गया, जीवन डाँवाडोल जीवन डाँवाडोल, ख़बर लो शीघ्र कृपालू कलाकंद के भाव बिक रहे बैंगन-आलू ...

मेरठ में हमको मिले धमधूसर कव्वाल तरबूजे सी खोपड़ी, ख़रबूजे से गाल ख़रबूजे से गाल, देह हाथी सी पाई लंबाई से ज़्यादा थी उनकी चौड़ाई...

आए जब दल बदल कर नेता नन्दूलाल पत्रकार करने लगे, ऊल-जलूल सवाल ऊल-जलूल सवाल, आपने की दल-बदली राजनीति क्या नहीं हो रही इससे गँदली...

नाम-रूप के भेद पर कभी किया है गौर ? नाम मिला कुछ और तो, शक्ल-अक्ल कुछ और शक्ल-अक्ल कुछ और, नैनसुख देखे काने बाबू सुंदरलाल बनाए ऐंचकताने...

नियम प्रकृति का अटल, मिटे न भाग्य लकीर। आया है सो जाएगा राजा रंक फ़कीर॥ राजा रंक फ़कीर चलाओ जीवन नैय्या। मरना तो निश्चित है फिर क्या डरना भैय्या॥...

काका या संसार में, व्यर्थ भैंस अरु गाय। मिल्क पाउडर डालकर पी लिपटन की चाय॥ पी लिपटन की चाय साहबी ठाठ बनाओ। सिंगल रोटी छोड़ डबल रोटी तुम खाओ॥...

घूरे खाँ के घर हुई चोरी आधी रात। कपड़े-बर्तन ले गए छोड़े तवा-परात॥ छोड़े तवा-परात, सुबह थाने को धाए। क्या-क्या चीज़ गई हैं सबके नाम लिखाए॥...

तंबूरा ले मंच पर बैठे प्रेमप्रताप। साज़ मिले पंद्रह मिनट, घंटाभर आलाप॥ घंटाभर आलाप, राग में मारा गोता। धीरे-धीरे खिसक चुके थे सारे श्रोता॥...

खिल-खिल खिल-खिल हो रही, श्री यमुना के कूल अलि अवगुंठन खिल गए, कली बन गईं फूल कली बन गईं फूल, हास्य की अद्भुत माया रंजोग़म हो ध्वस्त, मस्त हो जाती काया...

वंदन कर भारत माता का, गणतंत्र राज्य की बोलो जय। काका का दर्शन प्राप्त करो, सब पाप-ताप हो जाए क्षय॥ मैं अपनी त्याग-तपस्या से जनगण को मार्ग दिखाता हूँ। है कमी अन्न की इसीलिए चमचम-रसगुल्ले खाता हूँ॥...

ढाई मन से कम नहीं, तौल सके तो तौल किसी-किसी के भाग्य में, लिखी ठौस फ़ुटबौल लिखी ठौस फ़ुटबौल, न करती घर का धंधा आठ बज गये किंतु पलंग पर पड़ा पुलंदा...

पार्टी बंदी हों जहाँ , घुसे अखाड़ेबाज़ मक्खी , मच्छर , गंदगी का रहता हो राज का रहता हो राज , सड़क हों टूटी - फूटी नगरपिता मदमस्त , छानते रहते बूटी...

नाम - रूप के भेद पर कभी किया है ग़ौर ? नाम मिला कुछ और तो शक्ल - अक्ल कुछ और शक्ल - अक्ल कुछ और नयनसुख देखे काने बाबू सुंदरलाल बनाये ऐंचकताने...