Maulana Hasrat Mohani (Hindi: हसरत मोहानी) was an Indian activist in the Indian Independence Movement, and a noted poet of the Urdu language. The real name of Maulana was Syed Fazl-ul-Hasan (Hindi: सय्यद फ़ज़ल-उल-हसन).More
नज़्ज़ारा-ए-पैहम का सिला मेरे लिए है
हर सम्त वो रुख़ जल्वा-नुमा मेरे लिए है
उस चेहरा-ए-अनवर की ज़िया मेरे लिए है
वो ज़ुल्फ़-ए-सियह ताब-ए-दोता मेरे लिए है...
मुक़र्रर कुछ न कुछ इस में रक़ीबों की भी साज़िश है
वो बे-परवा इलाही मुझ पे क्यूँ गर्म-ए-नवाज़िश है
प-ए-मश्क़-ए-तग़ाफ़ुल आप ने मख़्सूस ठहराया
हमें ये बात भी मिंजुमल-ए-असबाब नाज़िश है...
निगाह-ए-यार जिसे आश्ना-ए-राज़ करे
वो अपनी ख़ूबी-ए-क़िस्मत पे क्यूँ न नाज़ करे
दिलों को फ़िक्र-ए-दो-आलम से कर दिया आज़ाद
तिरे जुनूँ का ख़ुदा सिलसिला दराज़ करे...
पैरव-ए-मस्लक-ए-तस्लीम-ओ-रज़ा होते हैं
हम तेरी राह-ए-मोहब्बत में फ़ना होते हैं
शर्म कर शर्म कि ऐ जज़्बा-ए-तासीर-ए-वफ़ा
तेरे हाथों वो पशीमान-ए-जफ़ा होते हैं...