Muqtida Hasan Nida Fazli
Nida Fazli
( 1938 - 2016 )

Muqtida Hasan Nida Fazli, known as Nida Fazli (Hindi: निदा फ़ाज़ली), was a prominent Indian Hindi and Urdu poet, lyricist and dialogue writer. He was awarded the Padma Shri in 2013 by the government of India for his contribution to literature. More

हर लड़की के तकिए के नीचे तेज़ ब्लेड गोंद की शीशी...

हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा मैं ही कश्ती हूँ मुझी में है समुंदर मेरा...

कोशिश के बावजूद ये इल्ज़ाम रह गया हर काम में हमेशा कोई काम रह गया छोटी थी उम्र और फ़साना तवील था आग़ाज़ ही लिखा गया अंजाम रह गया...

बहुत देर है बस के आने में आओ कहीं पास की लॉन पर बैठ जाएँ...

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता तमाम शहर में ऐसा नहीं ख़ुलूस न हो जहाँ उमीद हो इस की वहाँ नहीं मिलता...

उस को खो देने का एहसास तो कम बाक़ी है जो हुआ वो न हुआ होता ये ग़म बाक़ी है अब न वो छत है न वो ज़ीना न अँगूर की बेल सिर्फ़ इक उस को भुलाने की क़सम बाक़ी है...

अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं...

यूँ तो हर रिश्ते का अंजाम यही होता है फूल खिलता है महकता है बिखर जाता है...

मशीन चल रही हैं नीले पीले लाल लोहे की मशीनों में हज़ारों आहनी पुर्ज़े मुक़र्रर हरकतों के दाएरों में...

सुब्ह की धूप धुली शाम का रूप फ़ाख़्ताओं की तरह सोच में डूबे तालाब अजनबी शहर के आकाश...