कोशिश के बावजूद ये इल्ज़ाम रह गया
कोशिश के बावजूद ये इल्ज़ाम रह गया हर काम में हमेशा कोई काम रह गया छोटी थी उम्र और फ़साना तवील था आग़ाज़ ही लिखा गया अंजाम रह गया उठ उठ के मस्जिदों से नमाज़ी चले गए दहशत-गर्दों के हाथ में इस्लाम रह गया उस का क़ुसूर ये था बहुत सोचता था वो वो कामयाब हो के भी नाकाम रह गया अब क्या बताएँ कौन था क्या था वो एक शख़्स गिनती के चार हर्फ़ों का जो नाम रह गया

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