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भार भुजावन हम गए, पल्ले बाँधी ऊन। कुत्ता चरखा लै गयो, काएते फटकूँगी चून।। काकी फूफा घर में हैं कि नायं, नायं तो नन्देऊ पांवरो होय तो ला दे, ला कथूरा में डोराई डारि लाऊँ।।...

आ घिर आई दई मारी घटा कारी। बन बोलन लागे मोर दैया री बन बोलन लागे मोर। रिम-झिम रिम-झिम बरसन लागी छाई री चहुँ ओर। आज बन बोलन लागे मोर।...

मोरा जोबना नवेलरा भयो है गुलाल। कैसे घर दीन्हीं बकस मोरी माल। निजामुद्दीन औलिया को कोई समझाए, ज्यों-ज्यों मनाऊँ वो तो रुसो ही जाए।...

खुसरो रैन सुहाग की, जागी पी के संग। तन मेरो मन पियो को, दोउ भए एक रंग।। खुसरो दरिया प्रेम का, उल्टी वा की धार। जो उतरा सो डूब गया, जो डूबा सो पार।।...

दैया री मोहे भिजोया री शाह निजाम के रंग में। कपरे रंगने से कुछ न होवत है या रंग में मैंने तन को डुबोया री पिया रंग मैंने तन को डुबोया...

परदेसी बालम धन अकेली मेरा बिदेसी घर आवना। बिर का दुख बहुत कठिन है प्रीतम अब आजावना। इस पार जमुना उस पार गंगा बीच चंदन का पेड़ ना। इस पेड़ ऊपर कागा बोले कागा का बचन सुहावना।...

रैनी चढ़ी रसूल की सो रंग मौला के हाथ। जिसके कपरे रंग दिए सो धन धन वाके भाग॥ खुसरो बाजी प्रेम की मैं खेलूँ पी के संग। जीत गयी तो पिया मोरे हारी पी के संग॥...

आ घिर आई दई मारी घटा कारी। बन बोलन लागे मोर दैया री बन बोलन लगे मोर। रिम-झिम रिम-झिम बरसन लागी छाय री चहुँ ओर। आज बन बोलन लगे मोर। कोयल बोल डार-डार पर पपीहा मचाए शोर। ऐसे समय साजन परदेस गए बिरहन छोर।...

जो मैं जानती बिसरत हैं सैय्या जो मैं जानती बिसरत हैं सैय्या, घुँघटा में आग लगा देती मैं लाज के बंधन तोड़ सखी पिया प्यार को अपने मान लेती इन चूरियों की लाज पिया रखाना, ये तो पहन लई अब उतरत न...

रैनी चढ़ी रसूल की सो रंग मौला के हाथ। जिसके कपरे रंग दिए सो धन धन वाके भाग॥ खुसरो बाजी प्रेम की मैं खेलूँ पी के संग। जीत गयी तो पिया मोरे हारी पी के संग॥...

जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर ऐसा नहीं कोई अजब राखे उसे समझाए कर । जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया हक्का इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर । ...

आ साजन मोरे नयनन में, सो पलक ढाप तोहे दूँ। न मैं देखूँ औरन को, न तोहे देखन दूँ॥ अपनी छवि बनाई के जो मैं पी के पास गई। जब छवि देखी पीहू की तो अपनी भूल गई॥...

काहे को ब्याहे बिदेस, अरे, लखिय बाबुल मोरे काहे को ब्याहे बिदेस भैया को दियो बाबुल महले दो-महले हमको दियो परदेस ...

आज रंग है ऐ माँ रंग है री, मेरे महबूब के घर रंग है री। अरे अल्लाह तू है हर, मेरे महबूब के घर रंग है री।...

अब आए न मोरे साँवरिया, मैं तो तन मन उन पर लुटा देती। घर आए न मोरे साँवरिया, मैं तो तन मन उन पर लुटा देती। मोहे प्रीत की रीत न भाई सखी, मैं तो बन के दुल्हन पछताई सखी। होती न अगर दुनिया की शरम मैं तो भेज के पतियाँ बुला लेती।...

भार भुजावन हम गए, पल्ले बाँधी ऊन कुत्ता चरखा लै गयो, काएते फटकूँगी चून. काकी फूफा घर में हैं कि नायं, नायं तो नन्देऊ पांवरो होय तो ला दे, ला कथूरा में डोराई डारि लाऊँ....

सगन बिन फूल रही सरसों। सगन बिन फूल रही सरसों। अम्बवा फूटे, टेसू फूले, कोयल बोले डार-डार, और गोरी करत सिंगार,...

अपनी छवि बनाई के जो मैं पी के पास गई, जब छवि देखी पीहू की तो अपनी भूल गई। छाप तिलक सब छीन्हीं रे मोसे नैंना मिलाई के, बात अघम कह दीन्हीं रे मोसे नैंना मिला के।...

बहोत रही बाबुल घर दुल्हन, चल तोरे पी ने बुलाई। बहोत खेल खेली सखियन से, अन्त करी लरिकाई। बिदा करन को कुटुम्ब सब आए, सगरे लोग लुगाई। चार कहार मिल डोलिया उठाई, संग परोहत और भाई।...

तोरी सूरत के बलिहारी, निजाम, तोरी सूरत के बलिहारी । सब सखियन में चुनर मेरी मैली, देख हसें नर नारी, निजाम......

बहुत कठिन है डगर पनघट की। कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी मेरे अच्छे निज़ाम पिया। कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी...

बहुत दिन बीते पिया को देखे, अरे कोई जाओ, पिया को बुलाय लाओ मैं हारी वो जीते पिया को देखे बहुत दिन बीते। सब चुनरिन में चुनर मोरी मैली, ...

खुसरो रैन सुहाग की, जागी पी के संग। तन मेरो मन पियो को, दोउ भए एक रंग॥    खुसरो दरिया प्रेम का, उल्टी वा की धार।...

छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके प्रेम भटी का मदवा पिलाइके मतवारी कर लीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके गोरी गोरी बईयाँ, हरी हरी चूड़ियाँ...

अम्मा मेरे बाबा को भेजो री - कि सावन आया बेटी तेरा बाबा तो बूढ़ा री - कि सावन आया अम्मा मेरे भाई को भेजो री - कि सावन आया बेटी तेरा भाई तो बाला री - कि सावन आया...

छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके प्रेम भटी का मदवा पिलाइके मतवारी कर लीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके गोरी गोरी बईयाँ, हरी हरी चूड़ियाँ...