Bulleh Shah (Hindi: बुल्ले शाह), sometimes Bulla(h) Shah was a Punjabi Sufi poet, humanist and philosopher. His full name was Syed Abdullah Shah Qadri. His first spiritual teacher was Hazrat Shah Inayat Qadri, a sufi murshid of Lahore. Bulleh Shah gathered spiritual treasures under the guidance of his murshid and was known for the karamat (miraculous powers) he had.More
ऐसा जगिआ ज्ञान पलीता ।
ना हम हिन्दू ना तुर्क ज़रूरी, नाम इश्क दी है मनज़ूरी,
आशक ने वर जीता, ऐसा जग्या ज्ञान पलीता ।
वेखो ठग्गां शोर मचाइआ, जंमना मरना चा बणाइआ ।...
अब हम गुंम हूए, प्रेम नगर के शहर ।
आपने आप नूं सोध रिहा हूं, ना सिर हाथ ना पैर ।
खुदी खोई अपना पद चीता, तब होई गल्ल ख़ैर ।
लत्थे पगड़े पहले घर थीं, कौन करे निरवैर ?...
आयो फ़कीरो मेले चलिए, आरफ़ दा सुन वाजा रे ।
अनहद सबद सुनो बहु रंगी, तजीए भेख प्याजा रे ।
अनहद बाजा सरब मिलापी, निरवैरी सिरनाजा रे ।
मेले बाझों मेला औतर, रुढ़ ग्या मूल व्याजा रे ।...