Vaidya Nath Mishra
Nagarjun
( 1911 - 1998 )

Nagarjun (Hindi: नागार्जुन) (Yatri, Baba Nagarjun, Vaidya Nath Mishra) was a major Hindi and Maithili poet who has also penned a number of novels, short stories, literary biographies and travelogues, and was known as Janakavi- the People's Poet. More

कच्ची हजम करोगे पक्की हजम करोगे चूल्हा हजम करोगे चक्की हजम करोगे...

धरती का आँचल है मैला फीका-फीका रस है फैला हमको दुर्लभ दाना-पानी वह तो महलों की विलासिनी...

फलाँ-फलाँ इलाके में पड़ा है अकाल खुसुर-पुसुर करते हैं, ख़ुश हैं बनिया-बकाल छ्लकती ही रहेगी हमदर्दी साँझ-सकाल --अनाज रहेगा खत्तियों में बन्द !...

सरल स्वभाव सदैव, सुधीजन संकटमोचन व्यंग्य बाण के धनी, रूढ़ि-राच्छसी निसूदन अपने युग की कला और संस्कृति के लोचन फूँक गए हो पुतले-पुतले में नव-जीवन...

आदरणीय, अब तो आप पूर्णतः मुक्त जन हो ! कम्प्लीट्ली लिबरेटेड......

क्षुब्ध गंगा की तरंगों के दुसह आघात... शोख पुरवइया हवा की थपकियों के स्पर्श... खा रही है किशोरों की लाश... --हाय गांधी घाट !...

कि इतने में आ पहुँचा एक वृद्ध ब्राह्मण, लकुटी वह टेक उठाकर कंपित दहिना हाथ लगा कहने जय हो गणराज...

हज़ार फन फैलाए बैठा है मारकर गुंजलक अंह का शेषनाग लेटा है मोह का नारायण...

कैसे यह सब तू इतनी जल्दी भूल गया? ज़ालिम, क्यो मुझसे पहले तू ही झूल गया? आ, देख तो जा, तेरा यह अग्रज रोता है! यम के फंदों में इतना क्या सचमुच आकर्षण होता है...

छतरी वाला जाल छोड़कर अरे, हवाई डाल छोड़कर एक बंदरिया कूदी धम से बोली तुम से, बोली हम से,...