Ghalib (Hindi: ग़ालिब) born Mirza Asadullah Beg Khan (Hindi: मिर्ज़ा असदुल्लाह् बेग़ ख़ान), was the preeminent Urdu and Persian-language poet during the last years of the Mughal Empire.More
ग़म नहीं होता है आज़ादों को बेश अज़-यक-नफ़स
बर्क़ से करते हैं रौशन शम्-ए-मातम-ख़ाना हम
महफ़िलें बरहम करे है गंजिंफ़ा-बाज़-ए-ख़याल
हैं वरक़-गर्दानी-ए-नैरंग-ए-यक-बुत-ख़ाना हम...
शब कि बर्क़-ए-सोज़-ए-दिल से ज़हरा-ए-अब्र आब था
शोला-ए-जव्वाला हर यक हल्क़ा-ए-गिर्दाब था
वाँ करम को उज़्र-ए-बारिश था इनाँ-गीर-ए-ख़िराम
गिर्ये से याँ पुम्बा-ए-बालिश कफ़-ए-सैलाब था...
क़तरा-ए-मय बस-कि हैरत से नफ़स-परवर हुआ
ख़त्त-ए-जाम-ए-मै सरासर रिश्ता-ए-गौहर हुआ
ए'तिबार-ए-इश्क़ की ख़ाना-ख़राबी देखना
ग़ैर ने की आह लेकिन वो ख़फ़ा मुझ पर हुआ...