Ahmad Faraz
( 1931 - 2008 )

Ahmed Faraz (Hindi: अहमद फ़राज़, born Syed Ahmed Shah) was a Pakistani Urdu poet. He was acclaimed as one of the best modern Urdu poets of the last century. 'Faraz' is his pen name. He was awarded Hilal-e-Imtiaz, Sitara-i-Imtiaz and after his death Hilal-e-Pakistan by the Government of Pakistan. More

मेरी ख़ातिर न सही अपनी अना की ख़ातिर अपने बंदों से तो पिंदार ख़ुदाई ले ले...

आज हम दार पे खींचे गए जिन बातों पर क्या अजब कल वो ज़माने को निसाबों में मिलें...

साक़िया एक नज़र जाम से पहले पहले हम को जाना है कहीं शाम से पहले पहले...

इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की आज पहली बार उस से मैं ने बेवफ़ाई की...

तड़प उठूँ भी तो ज़ालिम तिरी दुहाई न दूँ मैं ज़ख़्म ज़ख़्म हूँ फिर भी तुझे दिखाई न दूँ तिरे बदन में धड़कने लगा हूँ दिल की तरह ये और बात कि अब भी तुझे सुनाई न दूँ...

न मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते हैं अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं...

तुझ से बिछड़ कर भी ज़िंदा था मर मर कर ये ज़हर पिया है चुप रहना आसान नहीं था बरसों दिल का ख़ून किया है...

ग़ैरत-ए-इश्क़ सलामत थी अना ज़िंदा थी वो भी दिन थे कि रह-ओ-रस्म-ए-वफ़ा ज़िंदा थी क़ैस को दोश न दो रखियो न फ़रहाद को नाम इन्ही लोगों से मोहब्बत की अदा ज़िंदा थी...

ये मैं भी क्या हूँ उसे भूल कर उसी का रहा कि जिस के साथ न था हम-सफ़र उसी का रहा वो बुत कि दुश्मन-ए-दीं था ब-क़ौल नासेह के सवाल-ए-सज्दा जब आया तो दर उसी का रहा...

अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाएँ हम ये भी बहुत है तुझ को अगर भूल जाएँ हम...