सत्य बतलाना
सत्य बतलाना तुमने उन्हें क्यों नहीं रोका? क्यों नहीं बताई राह? क्या उनका किसी देशद्रोही से वादा था? क्या उनकी आँखों में घृणा का इरादा था? क्या उनके माथे पर द्वेष-भाव ज्यादा था? क्या उनमें कोई ऐसा था जो कायर हो? या उनके फटे वस्त्र तुमको भरमा गए? पाँवों की बिवाई से तुम धोखा खा गए? जो उनको ऐसा ग़लत रास्ता सुझा गए। जो वे खता खा गए। सत्य बतलाना तुमने, उन्हें क्यों नहीं रोका? क्यों नहीं बताई राह? वे जो हमसे पहले इन राहों पर आए थे, वे जो पसीने से दूध से नहाए थे, वे जो सचाई का झंडा उठाए थे, वे जो लौटे तो पराजित कहाए थे, क्या वे पराए थे? सत्य बतलाना तुमने, उन्हें क्यों नहीं रोका? क्यों नहीं बताई राह?

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