ये दुख के दिन काटे हैं जिसने
ये दुख के दिन काटे हैं जिसने गिन गिनकर पल-छिन, तिन-तिन। आँसू की लड़ के मोती के हार पिरोये, गले डालकर प्रियतम के लखने को शशिमुख दुःखनिशा में उज्ज्वल अमलिन।

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