गगन गगन है गान तुम्हारा,
गगन गगन है गान तुम्हारा, घन घन जीवनयान तुम्हारा। नयन नयन खोले हैं यौवन, यौवन यौवन बांधे सुनयन, तन तन मन साधे मन मन तन, मानव मानव मान तुम्हारा। क्षिति को जल, जल को सित उत्पल, उत्पल को रवि, ज्योतिर्मण्डल, रवि को नील गगनतल पुष्कल, विद्यमान है दान तुम्हारा। बालों को क्रीड़ाप्रवाल हैं, युवकों को तनु, कुसुम-माल हैं, वृद्धों को तप, आलबाल हैं, छुटा-मिला जप ध्यान तुम्हारा।

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