गवना न करा।
गवना न करा। खाली पैरों रास्ता न चला। कंकरीली राहें न कटेंगी, बेपर की बातें न पटेंगी, काली मेघनियाँ न फटेंगी, ऐसे ऐसे तू डग न भरा। कुछ भी न बता तू रहा पता, सपने-सपने दे रहा घता, जो पूरा-पूरा माल-मता, मुरझा न जायगा बाग हरा।

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