उक्ति (जला है जीवन यह)
जला है जीवन यह आतप में दीर्घकाल; सूखी भूमि, सूखे तरु, सूखे सिक्त आलबाल; बन्द हुआ गुंज, धूलि-- धूसर हो गये कुंज, किन्तु पड़ी व्योम उर बन्धु, नील-मेघ-माल।

Read Next