प्रसिद्धि
मरणोपरान्त जीने की है यदि चाह तुझे, तो सुन, बतलाता हूँ मैं सीधी राह तुझे, लिख ऐसी कोई चीज कि दुनिया डोल उठे, या कर कुछ ऐसा काम, जमाना बोल उठे। जिस ग्रन्थ में लिखते सुधी, यश खोजना अपकर्म है, उस ग्रन्थ में ही वे सुयश निज आँक जाते हैं।

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