अमा-संध्या
नीरव, प्रशान्त जग, तिमिर गहन। रुनझुन रुनझुन किसका शिंजन? किसकी किंकिणि-ध्वनि? मौन विश्व में झनक उठा किसका कंकण? झिल्ली-स्वन? संध्या श्याम परी की हृदय-शिराओं का गुंजन? रुनझुन रुनझुन किसका शिंजन? अन्तिम किरणें भर गईं उर्मि- अधरों में मोती के चुम्बन, वन-कुसुम वृन्त पर ऊँघ रहे, दूर्वा-मुख सींच रहे हिम-कण। रुनझुन रुनझुन किसका शिंजन? नीलिमा-सलिल में अमा खोल कलिका-गुम्फित कबरी-बंधन, लहरों पर बहती इधर-उधर कर रही व्योम में अवगाहन। रुनझुन रुनझुन किसका शिंजन? मुक्ता कुंतल में गूँथ, शुक्र का पहन कुसुम-कर्णाभूषण दिग्वधू क्षितिज पर बजा रही मंजीर, चपल कँप रहे चरण। रुनझुन रुनझुन किसका शिंजन? यह भुवन-प्राण-तंत्री का स्वन? लघु तिमिर-वीचियों का कम्पन? यह अमा-हृदय का क्या गुनगुन? किस विरह-गीत का स्वर उन्मन? रुनझुन रुनझुन किसका शिंजन?

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