जग की सजल कालिमा रजनी
जग की सजल कालिमा रजनी में मुखचन्द्र दिखा जाओ ह्रदय अँधेरी झोली इनमे ज्योति भीख देने आओ प्राणों की व्याकुल पुकार पर एक मींड़ ठहरा जाओ प्रेम वेणु की स्वर- लहरी में जीवन - गीत सुना जाओ स्नेहालिंगन की लतिकाओं की झुरमुट छा जाने दो जीवन-धन ! इस जले जगत को वृन्दावन बन जाने दो

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