वक़्त-ए-पीरी दोस्तों की बे-रुख़ी का क्या गिला
वक़्त-ए-पीरी दोस्तों की बे-रुख़ी का क्या गिला बच के चलते हैं सभी गिरती हुई दीवार से

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