गले मुझ को लगा लो ऐ मिरे दिलदार होली में
गले मुझ को लगा लो ऐ मिरे दिलदार होली में बुझे दिल की लगी भी तो ऐ मेरे यार होली में नहीं ये है गुलाल-ए-सुर्ख़ उड़ता हर जगह प्यारे ये आशिक़ की है उमड़ी आह-ए-आतिश-बार होली में गुलाबी गाल पर कुछ रंग मुझ को भी जमाने दो मनाने दो मुझे भी जान-ए-मन त्यौहार होली में 'रसा' गर जाम-ए-मय ग़ैरों को देते हो तो मुझ को भी नशीली आँख दिखला कर करो सरशार होली में

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