तौक़-ओ-दार का मौसम
रविश-रविश है वही इंतिज़ार का मौसम नहीं है कोई भी मौसम बहार का मौसम गिराँ है दिल पे ग़म-ए-रोज़गार का मौसम है आज़माइश-ए-हुस्न-ए-निगार का मौसम ख़ुशा नज़ारा-ए-रुख़सार-ए-यार की साअत ख़ुशा क़रार-ए-दिल-ए-बे-क़रार का मौसम हदीस-ए-बादा-ओ-साक़ी नहीं तो किस मसरफ़ ख़िराम-ए-अब्र-ए-सर-ए-कोहसार का मौसम नसीब-ए-सोहबत-ए-याराँ नहीं तो क्या कीजे ये रक़्स-ए-साया-ए-सर्व-ओ-चिनार का मौसम ये दिल के दाग़ तो दुखते थे यूँ भी पर कम कम कुछ अब के और है हिज्रान-ए-यार का मौसम यही जुनूँ का यही तौक़-ओ-दार का मौसम यही है जब्र यही इख़्तियार का मौसम क़फ़स है बस में तुम्हारे तुम्हारे बस में नहीं चमन में आतिश-ए-गुल के निखार का मौसम सबा की मस्त-ख़िरामी तह-ए-कमंद नहीं असीर-ए-दाम नहीं है बहार का मौसम बला से हम ने न देखा तो और देखेंगे फ़रोग़-ए-गुलशन ओ सौत-ए-हज़ार का मौसम

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