साल-गिरह
शाएर का जशन-ए-सालगिरह है शराब ला मंसब ख़िताब रुत्बा उन्हें क्या नहीं मिला बस नक़्स है तो इतना कि मम्दूह ने कोई मिस्रा किसी किताब के शायाँ नहीं लिखा

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