यूँ सजा चाँद कि झलका तिरे अंदाज़ का रंग
यूँ सजा चाँद कि झलका तिरे अंदाज़ का रंग यूँ फ़ज़ा महकी कि बदला मिरे हमराज़ का रंग

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