जो तलब पे अहद-ए-वफ़ा किया तो वो आबरू-ए-वफ़ा गई
जो तलब पे अहद-ए-वफ़ा किया तो वो आबरू-ए-वफ़ा गई सर-ए-आम जब हुए मुद्दई तो सवाब-ए-सिदक़-ओ-वफ़ा गया

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