ऐ ज़ुल्म के मातो लब खोलो चुप रहने वालो चुप कब तक
ऐ ज़ुल्म के मातो लब खोलो चुप रहने वालो चुप कब तक कुछ हश्र तो उन से उट्ठेगा कुछ दूर तो नाले जाएँगे

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