सभी कहें मिरे ग़म-ख़्वार के अलावा भी
सभी कहें मिरे ग़म-ख़्वार के अलावा भी कोई तो बात करूँ यार के अलावा भी बहुत से ऐसे सितमगर थे अब जो याद नहीं किसी हबीब-ए-दिल-आज़ार के अलावा भी ये क्या कि तुम भी सर-ए-राह हाल पूछते हो कभी मिलो हमें बाज़ार के अलावा भी उजाड़ घर में ये ख़ुशबू कहाँ से आई है कोई तो है दर-ओ-दीवार के अलावा भी सो देख कर तिरे रुख़्सार ओ लब यक़ीं आया कि फूल खिलते हैं गुलज़ार के अलावा भी कभी 'फ़राज़' से आ कर मिलो जो वक़्त मिले ये शख़्स ख़ूब है अशआर के अलावा भी

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