जब तिरी याद के जुगनू चमके
देर तक आँख में आँसू चमके
सख़्त तारीक है दिल की दुनिया
ऐसे आलम में अगर तू चमके
हम ने देखा सर-ए-बाज़ार-ए-वफ़ा
कभी मोती कभी आँसू चमके
शर्त है शिद्दत-ए-एहसास-ए-जमाल
रंग, तो रंग है ख़ुशबू चमके
आँख मजबूर-ए-तमाशा है 'फ़राज़'
एक सूरत है कि हर सू चमके