ज़ब्त लाज़िम है मगर दुख है क़यामत का 'फ़राज़'
ज़ब्त लाज़िम है मगर दुख है क़यामत का 'फ़राज़' ज़ालिम अब के भी न रोएगा तो मर जाएगा

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