किसी बेवफ़ा की ख़ातिर ये जुनूँ 'फ़राज़' कब तक
किसी बेवफ़ा की ख़ातिर ये जुनूँ 'फ़राज़' कब तक जो तुम्हें भुला चुका है उसे तुम भी भूल जाओ

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