जुदाइयाँ तो मुक़द्दर हैं फिर भी जान-ए-सफ़र
जुदाइयाँ तो मुक़द्दर हैं फिर भी जान-ए-सफ़र कुछ और दूर ज़रा साथ चल के देखते हैं

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