नाहक ही डर गई, हुज़ूर
भुक्खड़ के हाथों में यह बन्दूक कहाँ से आई एस० डी० ओ० की गुड़िया बीबी सपने में घिघियाई बच्चे जागे, नौकर जागा, आया आई पास साहेब थे बाहर, घर में बीमार पड़ी थी सास नौकर ने समझाया, नाहक ही दर गई हुज़ूर ! वह अकाल वाला थाना, पड़ता है काफ़ी दूर !

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