दश्ना-ए-ग़म्ज़ा जाँ-सिताँ नावक-ए-नाज़ बे-पनाह
दश्ना-ए-ग़म्ज़ा जाँ-सिताँ नावक-ए-नाज़ बे-पनाह तेरा ही अक्स-ए-रुख़ सही सामने तेरे आए क्यूँ

Read Next