यूसुफ़ उस को कहो और कुछ न कहे ख़ैर हुई
यूसुफ़ उस को कहो और कुछ न कहे ख़ैर हुई गर बिगड़ बैठे तो मैं लाइक़-ए-ताज़ीर भी था

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