वो चीज़ जिस के लिए हम को हो बहिश्त अज़ीज़
वो चीज़ जिस के लिए हम को हो बहिश्त अज़ीज़ सिवाए बादा-ए-गुलफ़ाम-ए-मुश्क-बू क्या है

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