वफ़ा-दारी ब-शर्त-ए-उस्तुवारी अस्ल ईमाँ है
वफ़ा-दारी ब-शर्त-ए-उस्तुवारी अस्ल ईमाँ है मरे बुत-ख़ाने में तो काबे में गाड़ो बिरहमन को

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